हर रिश्ते में खुले रूप से बात करना और एक दुसरे पर भरोसा करना बहुत ज़रूरी होता है| हर व्यक्ति का सहज महसूस करने और व्यक्तिगत सीमाएं अलग अलग होती है, क्यूंकि सब लोग एक दुसरे से अलग है| जब अमन को नैना को किस्स करने/ चूमने का मन किया, तब ये भी तो मुमकिन है कि नैना का मन ना किया हो| यहाँ अमन नैना की असहजता को खुद की मर्दानगी पर हमला समझना के बजाय, उसकी इस्छा और पसंद का सम्मान करता है| क्या इससे अमन की मर्दानगी कम हो जाती है?