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    हमारे समाज में कुछ जातियों को दूसरों की तुलना में ज़्यादा पवित्र माना जाता है और इस वजह से उन्हें ज़्यादा अधिकार मिलते हैं। अपनी ही जातियों में शादी करना और अंतर्जातीय संबंधों को नकारना  इस व्यवस्था को बनाए रखता है। भेदभाव और हानिकारक मर्दानगी इससे बनाये रखने में मदद करता है। इस स्थिति में वीडियो को शेयर करना जातिगत आधारित भेद भाव को बनाये रखने का  एक तरीका बन जाता है । जाट लड़के अपने पूरे समुदाय को अजीत और उसके परिवार के खिलाफ करना चाहते हैं, जिसका मतलब है कि उन्हें हिंसा होने  की  धमकियों और हिंसक हमलों का सामना करना पड़ सकता है। हिमांशु वीडियो को फॉरवर्ड कर इस जातिवाद की पवित्रता और हिंसा की व्यवस्था को बढ़ावा दे रहे हैं.