पितृसत्ता पुरुषों को अपनी मर्दानगी साबित करने के लिए लगातार एक-दूसरे से प्रतियोगिता करवाती है और हिंसा करना दूसरों पर अपनी शक्ति का दावा करने का एक उपकरण बन जाता है। अमन के दोस्त उसका मजाक उड़ा सकते हैं जब उसकी प्रेमिका दूसरे लड़कों से बात करती है, इसलिए वह रोहित से लड़कर अपनी मर्दानगी साबित करने की कोशिश कर रहा है। यदि अमन इस तरह का व्यवहार करता रहेगा, तो वह खुद को, और अपने आसपास के लोगों को, गंभीर खतरे में डाल रहा है। क्या मर्दानगी इतनी नाजुक है कि उसे लगातार हिंसा से साबित करने की जरूरत है?